कुछ दिनों पहले एक लोकल सब्जी मंडी में पहुंच कर ग्राहकों के साथ खरीददारी करते हुए विक्रेताओं से बातचीत की – ये जानने कि आम लोगों का बजट कैसे बिगड़ रहा है और महंगाई ने किस तरह से सभी को परेशान कर रखा है। लोग बढ़ती कीमतों से जूझ रहे हैं और आम ज़रूरत की छोटी-छोटी चीजों पर compromise करने पर मजबूर हैं।
हमने लहसुन, मटर, मशरूम और दूसरी सब्जियों के भाव पर चर्चा की, और लोगों के असली अनुभव सुने। 400 रुपये किलो लहसुन और 120 रुपये किलो मटर ने कैसे सबके बजट को हिला दिया है। लोग खाएंगे क्या और बचाएंगे क्या! चाय पर बात करते हुए गृहणियों के जीवन की परेशानियों को नज़दीक से जाना— किस प्रकार आमदनी वहीं रुकी रही, महंगाई लगातार बेतहाशा बढ़ती रही।
किस प्रकार बचत असंभव हो गया है और किस प्रकार सिर्फ खाने के खर्च पूरे करने के कारण 10 रुपए का रिक्शा भाड़ा भी जुगाड़ना मुश्किल हो गया है। महंगाई का असर आपको भी महसूस हो रहा है। हमें बताएं आप किस प्रकार इस समस्या से जूझ रहे हैं – बाज़ार का हाल तो पता ही है, आप भी अपने निजी अनुभव हमारे साथ शेयर करें।